देहरादून: जौनसार-बावर के मैलोत-क्वानू गांव में रहने वाले एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। माता-पिता के न रहने से बच्चों के सामने परवरिश का संकट पैदा हो गया है। हादसे में जान गंवाने वाले पूरण सिंह तोमर मैलोत-क्वानू गांव में खेती-बाड़ी करते थे। पत्नी सामो देवी भी खेती में पति की मदद करती थी। दोनों के तीन बच्चे हैं।

यहां बीते दिन संभर खेड़ा के पास हुए सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई। घटना में तीन बच्चों ने अपने माता-पिता और चचेरे भाई को खो दिया। पूरा परिवार गम में डूबा है।
सबसे बड़ा पुत्र यशपाल तोमर व दूसरे नंबर का बेटा सचिन भी खेती में माता-पिता का हाथ बंटाता था, जबकि छोटी बेटी सुष्मिता डाकपत्थर महाविद्यालय से बीए कर रही है। सोमवार को इन बच्चों के माता-पिता चचेरे भाई मनोज तोमर के साथ यूटिलिटी से संभर खेड़ा से विकासनगर बाजार में खरीदारी करने जा रहे थे।
तभी संभर खेड़ा के पास यूटिलिटी टोंस नदी में गिर गई। हादसे में पूरण सिंह और उनके भतीजे मनोज तोमर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सामो देवी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि तीनों बच्चों के सिर से अचानक माता-पिता का साया उठ गया। समझ नहीं आ रहा कि अब वो अपना जीवन कैसे चलाएंगे। शासन-प्रशासन को पीड़ित परिवार की मदद करनी चाहिए ताकि वो अपनी आजीविका चला सकें।
